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पवन सिंह का बड़ा फैसला: विधानसभा चुनाव से बनाई दूरी, कहा- पार्टी के लिए काम करूंगा, चुनाव नहीं लड़ूंगा

भोजपुरी फिल्म स्टार और बीजेपी नेता पवन सिंह ने साफ कर दिया है कि वे बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. हाल ही में वो बीजेपी में दोबारा शामिल हुए थे. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि वो चुनाव जरूर लड़ेंगे. लेकिन अब इन अटकलों पर विराम लग गया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर चुनाव न लड़ने का ऐलान किया. पवन सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “मैं पवन सिंह अपने भोजपुरीया समाज को बताना चाहता हूं कि मैंने पार्टी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए ज्वाइन नहीं की थी और ना ही मुझे चुनाव लड़ना है. मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और हमेशा रहूंगा.
बीजेपी में ऐसे हुई वापसी
बता दें कि एक हफ्ते पहले पवन सिंह की बीजेपी में औपचारिक वापसी हुई थी. इस मौके पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े और रितुराज सिन्हा मौजूद थे. उपेंद्र कुशवाहा ने उन्हें सार्वजनिक रूप से आशीर्वाद दिया. जिससे 2024 का विवाद खत्म हो गया. दरअसल 2024 के लोकसभा चुनाव में वो कुशवाहा के खिलाफ मैदान में उतरे थे. बीजेपी में वापसी के बाद पवन सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि वे प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘विकसित बिहार’ के विज़न पर काम करेंगे. इसके बाद पवन सिंह दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से भी मिले. इन बैठकों के बाद पुराने मतभेद खत्म हो गए.
इन इलाकों पर थी बीजेपी की नजर
कहा जा रहा था कि पवन सिंह भोजपुरी इलाके खासकर भोजपुर और शाहाबाद में, राजपूत और युवाओं के वोट को जोड़ने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. जहां पिछली बार एनडीए का प्रदर्शन कमजोर रहा था. बीजेपी की रणनीति का मकसद था, 2024 में बंटे राजपूत वोट बैंक को फिर से जोड़ना और ओबीसी वर्ग के वोटों को सहयोगियों के साथ मिलकर मजबूत करना. पवन सिंह की लोकप्रियता और राजपूत समाज में पकड़ को देखते हुए उन्हें भोजपुर इलाके की किसी विधानसभा सीट से टिकट मिलने की अटकलें लगाई जा रही थी. लेकिन अब इन सारी अटकों पर विराम लग गया है.
पत्नी ने खड़ी की मुश्किलें?
बीजेपी में वापसी के बाद से ही भोजपुरी स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह उनके खिलाफ खुलकर सामने आ गईं. वे लगातार सोशल मीडिया पर पोस्ट करने लगीं और कई बार टिकट की मांग भी की. शुक्रवार को ज्योति सिंह ने जनसुराज अभियान के प्रमुख प्रशांत किशोर से मुलाकात की. मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि वे चुनाव लड़ने या टिकट लेने नहीं आई हैं, बल्कि अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने और सभी महिलाओं के हक में न्याय मांगने आई हैं. प्रशांत किशोर ने उनकी बातें सुनीं और उन्हें भरोसा दिलाया कि जनसुराज हमेशा न्याय और सुरक्षा के पक्ष में खड़ा रहेगा.
गर्भपात की गोलियां दीं
ज्योति ने गंभीर आरोप लगाया है कि पवन सिंह ने उन्हें गर्भपात की गोलियां दीं और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि पवन सिंह बाहर से तो बच्चे की चाह दिखाते थे, लेकिन बार-बार गर्भपात की दवाइयां देते थे. जब उन्होंने विरोध किया, तो उन्हें परेशान किया गया. ज्योति ने यह भी कहा कि एक बार तनाव में उन्होंने 25 नींद की गोलियां खा ली थीं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. उस समय पवन सिंह के भाई और टीम ने इलाज में मदद की थी.
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