हाईकोर्ट का कड़ा रुख – झारखंड में रुके निकाय चुनावों पर आयोग को अल्टीमेटम

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झारखंड में नगर निगम और नगर निकाय चुनाव नहीं होने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. सोमवार, 10 नवंबर को जस्टिस आनंदा की अदालत में इस पर सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया है कि वह 24 नवंबर तक चुनाव की निश्चित तिथि बताएं.

सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि राज्य में ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट आयोग को सौंप दी गई है. हालांकि, आयोग ने कुछ अतिरिक्त जानकारी मांगी है, जैसे सीटों का आरक्षण और जनसंख्या से जुड़ी सूची. सरकार ने आश्वासन दिया कि यह जानकारी जल्द उपलब्ध करा दी जाएगी, जिसके बाद चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी.

वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने अदालत को बताया कि अभी तक राज्य सरकार ने सीटों के आरक्षण की अंतिम अनुशंसा आयोग को नहीं भेजी है. इसके मिलने के बाद ही चुनाव की तैयारी शुरू की जा सकेगी. आयोग ने कहा कि पूरी प्रक्रिया में लगभग तीन महीने का समय लगेगा.

अदालत ने कहा कि अब आयोग अगली सुनवाई तक चुनाव की समय-सारिणी (टाइमलाइन) प्रस्तुत करे. इस मामले में प्रार्थी रौशनी खलखो और रीना कुमारी की ओर से अधिवक्ता विनोद कुमार सिंह ने पक्ष रखा और कहा कि अदालत के पूर्व आदेश का पालन नहीं किया गया है, जिसमें जल्द चुनाव कराने का निर्देश दिया गया था.

गौर करने वाली बात यह है कि झारखंड में जून 2020 से अब तक 12 शहरी निकायों में चुनाव नहीं हुए हैं. कई नगर निगम बिना निर्वाचित प्रतिनिधियों के काम कर रहे हैं. पिछले चुनाव 27 अप्रैल 2023 के बाद से नहीं हुए हैं. इससे पहले, अदालत ने जनवरी 2024 में आदेश दिया था कि तीन सप्ताह के भीतर चुनाव कराए जाएं, लेकिन ऐसा नहीं होने पर प्रार्थियों ने अब अवमानना याचिका दायर की है.

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