आगामी बिहार विधानसभा चुनाव और सात राज्यों में उपचुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और Deepfakes के गलत इस्तेमाल से बचने की चेतावनी दी है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी तरह की भ्रामक या विकृत सूचना फैलाने वाले प्रचार पर सख्त कार्रवाई होगी। चुनाव प्रचार के दौरान एक-दूसरे के खिलाफ AI और Deepfakes के बढ़ते इस्तेमाल को ध्यान में रखते हुए आयोग ने सभी दलों से पारदर्शिता बरतने और निजी जीवन पर हमले करने से बचने का निर्देश दिया है। यह कदम पिछले कई चुनावों में इन तकनीकों के बढ़ते दुरुपयोग को देखते हुए उठाया गया है।
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि किसी भी वीडियो या सामग्री में AI या Deepfakes का इस्तेमाल करते समय आदर्श आचार संहिता और अन्य चुनावी नियमों का पालन अनिवार्य है। प्रचार सामग्री में यदि AI का इस्तेमाल किया गया है तो उसे स्पष्ट रूप से बताना होगा।
आयोग ने चेतावनी दी है कि किसी भी तथ्य को तोड़-मरोड़कर पेश करना, प्रतिद्वंदी दल या उम्मीदवार के खिलाफ व्यक्तिगत हमला करना, या सोशल मीडिया पर भ्रामक सामग्री फैलाना स्वीकार्य नहीं है। ऐसे मामलों में न केवल प्रचार सामग्री को रोका जा सकता है, बल्कि आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। चुनाव आयोग ने कहा कि वह इंटरनेट और सोशल मीडिया पर नजर रख रही है और चुनावी माहौल को दूषित होने से बचाने के लिए किसी भी उल्लंघन पर कड़ी प्रतिक्रिया दी जाएगी।